आपकी आंखों की झुर्रियों से तय होगा ईमानदारी का पैमाना

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यूं तो झुर्रियां बढ़ती उम्र की निशानी होती हैं लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हंसने के दौरान जिन लोगों की आंखों के आसपास झुर्रियां पड़ती हैं उन्हें लोग अधिक ईमानदार समझते हैं.

यूं तो झुर्रियां बढ़ती उम्र की निशानी होती हैं लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हंसने के दौरान जिन लोगों की आंखों के आसपास झुर्रियां पड़ती हैं उन्हें लोग अधिक ईमानदार समझते हैं. कनाडा की वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि हमारा मस्तिष्क इस प्रकार का होता है कि वह आखों के आस पास झुर्रियों को बेहद प्रचंड और बेहद ईमानदार भाव के तौर पर लेता है. आखों के पास झुर्रियों को ड्यूकेन मार्कर कहते हैं और तमाम तरह की भावनाओं को व्यक्त करने पर यह उभर कर सामने आते हैं मसलन मुस्कुराने, दर्द और दुख के दौरान.

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के लिए प्रतिभागियों को कुछ फोटोग्राफ विजुअल रायवलरी तरीके से दिखाए. इनमें से कुछ में ड्यूकेन मार्कर थे और कुछ में नहीं. शोधकर्ता यह जानना चाहते थे कि हमारा मस्तिष्क किस भाव को ज्यादा अहम समझता है. शोधकर्ता जूलिओ मार्टिनेज ट्रुजिलो ने बताया कि ड्यूकेन मार्कर वाली अभिव्यक्ति ज्यादा प्रभावशाली पाई गई. इस लिए भाव जितने प्रबल होंगे आपका मस्तिष्क लंबे समय तक उसे याद रखता है और ड्यूकेन मार्कर वाले चेहरे को मस्तिष्क ज्यादा ईमानदार मानता है. हमारी त्वचा को रोजाना प्रदूषण, धूल-मिट्‌टी, तनाव, धूप और न जाने कितनी चीजों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उचित देखभाल नहीं हो पाने की वजह से चेहरे पर झुर्रियों पड़ जाती हैं. हमारे त्वचा में मौजूद कोलाजेन उम्र बढ़ने के साथ कम होने लगता है इसके परिणामस्वरूप स्किन पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं. इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं जिनकी मदद से आप झुर्रियों की समस्या से निजात पा सकते हैं.

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