जकार्ता में बोले पीएम- आज के समझौतों से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे

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जकार्ता (जेएनएन)। तीन देशों की विदेश यात्रा के पहले पड़ाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया पहुंचे हैं। आज राजधानी जकार्ता में पीएम मोदी कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति भवन इस्ताना मर्डेका पहुंचे, जहां राष्ट्रपति जोको विडोडो ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति भवन में पीएम मोदी को रेड कार्पेट वेलकम और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मर्डेका में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जोको विडोडो की मौजूदगी में जकार्ता में दोनों देशों के बीच प्रतिनिधमंडल स्तर की बातचीत हुई। इस दौरान भारत और इंडोनेशिया के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।

भारत और इंडोनेशिया ने साझा बयान जारी किया। पीएम मोदी ने इंडोनेशिया में आतंकी हमले पर दुख जताया। पीएम ने कहा कि आतंकवाद की लड़ाई में भारत इंडोनेशिया के साथ खड़ा है। हम हाल में ही हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें कई मासूम लोगों की मौत हो गई। आतंकवाद से लड़ने के लिए विश्व स्तर पर किए जा रहे प्रयासों में और गति लाने की आवश्यकता है।पीएम ने साझा बयान जारी करते हुए कहा, ‘हम एक जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हें। आतंकवाद से सभी देशो को मिलकर लड़ना होगा। हम अपने प्रयास दोगुने करेंगे। ‘सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल’ का मतलब ‘सागर’ है। व्यापार बढ़ाने के लिए दोगुने प्रयास करेंगे। आज के समझौतों से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आपसी सहयोग की जरुरत है।

इंडोनेशिया में पीएम मोदी ने शानदार स्वागत के लिए शुक्रिया कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा इस महान और सुंदर देश की मेरी पहली यात्रा है और इस यात्रा के शानदार प्रबंध के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करता हूं। जिस तरह मेरे स्वागत किया गया, उसने मेरा दिल छू लिया।आज सुबह सबसे पहले पीएम मोदी यहां कालीबाटा नेशनल हीरो सीमेट्री गए थे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। यहां पीएम मोदी ने विजिटर बुक में अपना संदेश भी लिखा। पीएम मोदी के इस दौरे से जहां इंडोनेशिया और भारत के बीच दोस्ती को नई मजबूती मिलेगी, वहीं रक्षा और कारोबार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच कई समझौतो पर हस्ताक्षर भी होंगे। माना जा रहा है कि मोदी इन तीन देशों की यात्रा के जरिए भारत की एक्ट ईस्ट नीति को और परवान चढ़ाएंगे।

मोदी पहले चरण में इंडोनेशिया पहुंचे जो लगातार भारत को यह संदेश दे रहा है कि बेहद करीबी रणनीतिक रिश्ते बनाने में अब ज्यादा देरी नहीं की जानी चाहिए। भारत की तरफ से यथोचित प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर जकार्ता ने कई बार नाराजगी भी जताई है। मोदी की यह यात्रा से दोनों देशों के बीच नया भरोसा बनने के आसार हैं। मोदी पहली बार इंडोनेशिया जा रहे हैं।

पीएम ने कहा कि पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मेलन को संबोधित करेगा। क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर यह भारत के विचारों को व्यक्त करने का अवसर होगा। फेसबुक पेज पर जारी बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर वह जकार्ता में होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में यह मेरी पहली इंडोनेशिया यात्रा है। राष्ट्रपति विडोडो के साथ 30 मई को विचार-विमर्श होगा। साथ ही भारत- इंडोनेशिया सीईओ के फोरम में हमारा संयुक्त वार्तालाप होगा। पीएम इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बैठक करेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे।

31 मई को सिंगापुर जाते समय प्रधानमंत्री थोड़े समय के लिए मलेशिया में रूकेंगे जहां मलेशिया के नए नेतृत्व को बधाई देंगे। प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी एक जून को सिंगापुर के राष्ट्रपति हलीमा याकूब से मुलाकात करेंगे और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें रक्षा और कौशल विकास जैसे समझौते होंगे। पीएम दो जून को क्लीफोर्ड पियर में एक पट्टिका का अनावरण करेंगे जहां 27 मार्च 1948 को गांधीजी की अस्थितयों का विसर्जन किया गया था। मोदी सरकार ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति को शुरू किया था जिसका उद्देश्य एशिया प्रशांत क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करना है। माना जा रहा है कि पीएम के दौरे से भारत की एक्ट ईस्ट नीति को मजबूती मिलेगी।

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