यूपी बोर्ड के इन टॉपर्स ने अभावों में पढ़ कायम की मिसाल
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने 29 अप्रैल को 10वीं और 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित कर दिए। परीक्षा में टॉप किए ज्यादातर बच्चों के पास कई चीजों का अभाव था। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपने क्षेत्र व माता-पिता का नाम रोशन किया। बच्चों की मेहनत में परिजनों ने उनका पूरा साथ दिया और उनके जितना ही संघर्ष किया। इस गैलरी के जरिए हम आपको कुछ ऐसे ही टॉपर्स के बारे में बता रहे हैं…
2/8ऑटो रिक्शा चलाते हैं 12वीं टॉपर आकाश के पिता
इंटरमीडिएट की परीक्षा में बेहद गरीब परिवार से आने वाले बाराबंकी के छात्र आकाश मौर्य ने शीर्ष स्थान हासिल कर एक मिसाल कायम की है। उन्होंने 93.20 प्रतिशत अंक हासिल कर वरीयता सूची में प्रथम स्थान प्राप्त किया। आकाश के पिता कुलदीप मौर्य ऑटो रिक्शा चलाते हैं लेकिन छोटी आमदनी होने के बावजूद अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उनके जज्बे को उनके बेटे ने सबसे माकूल तरीके से सलाम किया है। आकाश के मुताबिक, वह दिन में स्कूल के अलावा छह-सात घंटे घर पर पढ़ाई करते थे। भविष्य में वह मकैनिकल इंजिनियर बनना चाहते हैं।
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माता-पिता ने हाईस्कूल टॉपर अंजलि की मदद की
10वीं क्लास में इलाहाबाद के शिवकुटी की अंजलि वर्मा ने टॉप किया। बृज बिहारी स्कूल की स्टूडेंट अंजलि को 96.13 प्रतिशत नंबर मिले। अंजलि ने कहा कि उन्हें अच्छे नंबर आने का पूरा भरोसा था। उनके स्कूल टीचर्स और माता-पिता ने उनकी काफी मदद की। अंजलि ने बताया कि वह आगे चलकर इंजिनियर बनना चाहती हैं।
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टेलर की बेटी ने ओढ़ी सफलता की चादर
गाजियाबाद में टेलर का काम कर घर चलाने वाले जयवीर सिंह की बेटी ऐश्वर्या ने इंटरमीडिएट परीक्षा में 88.4 प्रतिशत अंक हासिल कर जिले में टॉप किया। रिजल्ट देखने के बाद पिता की आंखें डबडबा उठीं। ये आंसू संघर्ष के बाद मिली खुशी के थे। जयवीर सिंह ने बताया कि बेटियां बेटों से किसी भी मायने में कम नहीं हैं। वे बेटों से भी बढ़कर होती हैं और इस बात को हमारी बेटी ने साबित कर दिखाया। मां संतोष देवी ने कहा कि उनकी बेटी ने उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
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पिता की कमाई पड़ी कम तो बहन ने उठाया पढ़ाई का खर्च
गाजियाबाद के लोनी शहर के बलराम नगर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले विनय सागर ने 12वीं में 88.2 प्रतिशत अंक प्राप्त करके जिले में दूसरा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने आर्थिक तंगी के दौरान कड़ी मेहनत कर यह स्थान हासिल किया। विनय ने बताया कि उनके पिता सिलाई फैक्ट्री में काम करते हैं जिससे वे इतना भी नहीं कमा पाते कि परिवार का गुजर बसर सही से किया जा सके। यही वजह थी कि उनकी दोनों बहनों ने कोचिंग कर उनकी पढ़ाई का खर्च उठाया। चूंकि उन्हें भी अपनी बहनों की मेहनत का दर्द था, इसीलिए उन्होंने भी पूरी मेहनत की। उन्होंने कभी ट्यूशन न लेकर दिन में 8 से 10 घंटे पढ़ाई की। विनय आगे चलकर प्रफेसर बनना चाहते हैं।
पिता लगाते हैं चाऊमीन का ठेला, फीस देने के थे लाले
हाईस्कूल की टॉप टेन सूची में आठवां स्थान पाने वाले बाराबंकी के नींदनपुर के आनंद राज साहू अपनी आर्थिक स्थिति की बात करते वक्त बिलख पड़े। उन्होंने कहा कि पिता राममिलन उन्हें गांव में ही पढ़ाते थे। जब उन्होंने देखा कि वह पढ़ने में अच्छे हैं तो शहर में रहकर पढ़ाने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने शहर में किराए पर कमरा लिया और चाऊमीन का ठेला गांव के बजाए यहीं पर लगाने लगे। अच्छी आय न होने के कारण कई बार फीस कॉलेज में नहीं जमा हो पाई। दो बार तो उनका नाम कटने तक की नौबत आ गई।
किसान की बेटी मनु ने हासिल किया तीसरा स्थान
गाजियाबाद के मुरादनगर के गंग नहर स्थित श्री हंस इंटरमीडिएट कॉलेज में पढ़ने वाली मनु चौधरी ने 12वीं में जिले में तीसरा स्थान पाकर अपने परिजनों के साथ-साथ क्षेत्र का नाम रोशन किया। उनके पिता जलालाबाद गांव निवासी प्रवीण चौधरी साधारण किसान हैं। मनु आईएएस बनना चाहती हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़कर देश और समाज की सेवा करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि वह स्नातक की परीक्षा पास कर यूपीएससी की तैयारी करेंगी।
मौलवी की बेटी उजमा रहीं सेकंड
गाजियाबाद के खोड़ा के मिथिला विहार स्थित जामिया दारूल कुरान मदरसे के संचालक मुफ्ती मंसूर आलम कासमी की बेटी उजमा ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 90.83 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिले में दूसरा स्थान हासिल किया। इंडियन नैशनल इंटर कॉलेज की स्टूडेंट उजमा ने बताया कि वह प्रतिदिन 7 से 8 घंटे तक पढ़ाई करतीं थीं। वह साइंस स्ट्रीम में आगे की पढ़ाई करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती हैं।