मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही सोशल मीडिया को लेकर अपने वाररूम तैयार किए हैं। भाजपा ने जहां भोपाल में जहां 50 लोगों की टीम 24 घंटे मोर्चा संभालेगी, वहीं पार्टी के संगठनात्मक दृष्टि से बनाए गए 56 जिलों में 11-11 कार्यकर्ताओं की टीम बनाई गई है। मंडल स्तर पर 6-6 कार्यकर्ताओं की टीम सोशल मीडिया में जिले व प्रदेश से आई सामग्री, वीडियो, ऑडियो वायरल करेंगे। पार्टी ने सबसे बड़ी फौज बूथ स्तर पर तैयार की है। प्रदेश के 65 हजार बूथ में पार्टी के सोशल मीडिया का काम करने के लिए प्रति बूथ दो-दो कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। राजधानी से लेकर बूथ तक के लगभग दो लाख इन कार्यकर्ताओं को पार्टी के आईटी सेल ने प्रशिक्षण भी दिया है।
पार्टी की रणनीति के तहत हर बूथ पर कम से कम तीन या ज्यादा वाट्सएप ग्रुप तैयार किए गए हैं जो मतदाताओं को पार्टी के घोषणा पत्र से लेकर हर गतिविधि से अवगत कराएंगे। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की बेहतर योजनाओं की जानकारी देंगे। ये रिसर्च टीम द्वारा तैयार सामग्री को भेजकर उन पर फीडबैक भी लेंगे। यही टीम सोशल मीडिया में पार्टी के खिलाफ चलने वाले किसी भी तरह के मुद्दे पर जवाब भी देगी। प्रयोग के तौर पर भाजपा ने कुछ वीडियो बनाकर उन्हें वायरल भी किया, जिसके परिणाम पार्टी को बेहतर मिले हैं। पार्टी के रणनीतिकारों का दावा है कि सोशल मीडिया के दायरे में चार करोड़ मतदाता होंगे।
पार्टी के कार्यकर्ताओं को समझाइश दी गई है कि जिस वाट्सएप ग्रुप पर राजनीतिक बहस चल रही हो, उसमें वे भी सक्रिय हो जाएं और पार्टी का पक्ष पूरे आत्मविश्वास के साथ रखें। जवाब देने में संयम बरतें। सकारात्मक जवाब दें और किसी भी सूरत में अभद्रता न करें।