स्वदेश विचार-उत्तर प्रदेश(२७/८) : कानून व्यवस्था के मुददे पर विधानसभा बाधित करने पर उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि वर्तमान में राज्य की कानून व्यवस्था पिछले पन्द्रह वर्षो में सबसे अच्छी है और इसे पूरे देश ने स्वीकारा है. उन्होंने कहा कि ‘अपराध दर पिछली सरकार से कम है. पिछली सरकार में हत्या और बलात्कार जैसे मामलो में भी प्राथमिकी नहीं होती थी, सुप्रीम कोर्ट को आदेश देने पड़ते थे. न्यायालय को बार बार हस्तक्षेप करना पड़ता था. हमारी सरकार में सामान्य से लेकर बड़ी से बड़ी घटना तक सभी मामलों की एफआईआर दर्ज करने के स्पष्ट आदेश हैं.’ उन्होंने कहा कि सभी ने राज्य की प्रशंसा की है और इसका प्रत्यक्ष प्रमाण निवेशक सम्मेलन है. सम्मेलन में चार लाख 68 हजार करोड. रूपये का प्रस्ताव निवेश आया.शीघ्र ही 50 हजार करोड. रूपये के अन्य प्रस्ताव धरातल पर उतर रहे हैं.
योगी ने समाजवादी पार्टी, कांग्रेस आदि द्वारा कानून व्यवस्था के मुददे पर विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के बाद पत्रकार वार्ता में कहा, ‘विधानसभा को जिस सार्थक चर्चा का मंच बनना चाहिये उस सार्थक बहस से विपक्ष खासतौर से सपा और कांग्रेस के नकारात्मक रवैये के कारण विधानसभा को और प्रदेश की जनता को इन लोगो के नकारात्मक रवैये के कारण वंचित होना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 विधायक चुनकर आये हैं, लेकिन मुठठी भर लोग विधानसभा को बंधक बनाकर अन्य सदस्यों के हकों को मारने का प्रयास कर रहे है, यह लोकतंत्र के लिये बहुत शुभ लक्षण नही है.’
उन्होंने कहा कि ‘देवरिया घटना का मुददा आज समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उठाया है.इस संस्था को वर्ष 2009 में मान्यता मिली थी तब राज्य और केंद्र में कौन सी सरकारें थीं यह किसी से छिपा नही है. उसको अनवरत अनुदान 2009 से 2017 तक मिलता रहा, हमारी सरकार मार्च 2017 में आई और जून 2017 में हम लोगों ने ऐसी सभी संस्थाओ की मान्यता को समाप्त करने और उन्हें सरकार के अनुदान से वंचित करने के आदेश कर दिये थे और उनकी मान्यता को भी समाप्त कर दिया था.’