हम शांति में विश्‍वास रखते हैं, लेकिन सम्‍मान से समझौता नहीं ; नरेंद्र मोदी

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स्वदेश विचार-नाइडील्ली(३०/९) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (30 सितंबर) अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिये देशवासियों को संबोधित किया. उनके इस रेडियो कार्यक्रम का यह 48वां संस्‍करण था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात की शुरुआत करते हुए कहा कि हर भारतीय को हमारे सशस्त्र बलों और सेना के जवानों पर गर्व है. प्रत्येक भारतीय चाहे वो किसी भी क्षेत्र, जाति, धर्म का क्यों न हो, हमारे सैनिकों के प्रति अपनी खुशी और समर्थन अभिव्यक्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है. उनके रेडियो कार्यक्रम मन की बात की अहम बातें.

उन्‍होंने कहा कि 1947 में वायुसेना ने श्रीनगर को हमलावरों से बचाने के लिए ये सुनिश्चित किया कि भारतीय सैनिक और उपकरण युद्ध के मैदान तक समय पर पहुंच जाएं. वायुसेना ने 1965 में भी दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया. 1999 करगिल की घुसपैठियों के कब्‍जे से मुक्त कराने में भी वायुसेना की भूमिका अहम रही है. “राहत कार्य हो, बचाव कार्य हो या फिर आपदा प्रबंधन, हमारे एयर वारियर्स के सराहनीय कार्य को लेकर देश वायुसेना के प्रति कृतज्ञ है”.

उन्‍होंने कहा “हम शांति में विश्वास करते हैं और इसे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन सम्मान से समझौता करके और राष्ट्र की संप्रभुता की कीमत पर कतई नहीं, भारत सदा ही शांति के प्रति वचनबद्ध और समर्पित रहा है” उन्‍होंने कहा कि 8 अक्टूबर को हम ‘वायुसेना दिवस’ मनाते हैं. 1932 में छह पायलट और 19 वायु सैनिकों के साथ एक छोटी सी शुरुआत से हमारी वायुसेना आज 21वीं सदी की सबसे साहसिक और शक्तिशाली वायु सेनाओं में शामिल हो चुकी है. यह अपने आप में एक यादगार यात्रा है.

पराक्रम पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री ने वीरों की भूमि राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम में स्वयं के भाग लेने का जिक्र करते हुए कहा कि अब यह तय हो चुका है कि हमारे सैनिक उन सबको मुंहतोड़ जवाब देंगे, जो हमारे राष्ट्र में शांति और उन्नति के माहौल को नष्ट करने का प्रयास करेंगे.

पीएम मोदी ने कहा कि 15 सितंबर से देश में स्‍वच्‍छता ही सेवा अभियान प्रारंभ हुआ. करोड़ों लोग इस अभियान में जुड़े और मुझे भी सौभाग्य मिला कि मैं दिल्ली के अम्बेडकर स्कूल में बच्चों के साथ स्वच्छता श्रमदान करूं. मैं उस स्कूल में गया जिनकी नींव खुद पूज्य बाबा साहब ने रखी थी.’ उन्‍होंने कहा कि देशभर में हर तबके के लोग इस श्रमदान से जुड़े. मैं इसके लिए इन सभी स्वच्छता प्रेमियों को बधाई देता हूं.

उन्‍होंने कहा कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन केवल देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक सफल कहानी बन चुका है जिसके बारे में हर कोई बात कर रहा है. इस बार भारत इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सम्मेलन आयोजित कर रहा है. इसका नाम ‘महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन’ है. इसके तहत दुनिया भर के स्‍वच्‍छता से जुड़े मंत्री और इस क्षेत्र के विशेषज्ञ एक साथ आकर स्वच्छता से जुड़े अपने प्रयोग और अनुभव साझा कर रहे हैं. इसका समापन 2 अक्‍टूबर 2018 को बापू के 150वीं जयंती समारोह के शुभारंभ के साथ होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे राष्ट्र के लिए 2 अक्टूबर के दिन के महत्व को बच्चा-बच्चा जानता है. इस वर्ष 2 अक्टूबर का और एक विशेष महत्व है. अबसे 2 साल के लिए हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के निमित्त विश्वभर में अनेक कार्यक्रम करने वाले हैं. पीएम ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है. प्रधानमंत्री ने विशेष अवसरों पर खादी और हैंडलूम के उत्पाद खरीदने का आग्रह किया जिससे बुनकरों को मदद मिल सके.

उन्‍होंने कहा ‘भारत के सवा-सौ करोड़ देशवासियों ने 2016 में हुई सर्जिकल स्‍ट्राइक को याद करते हुए पराक्रम पर्व मनाया. उन्‍होंने कहा कि पराक्रम पर्व पर देश में अलग-अलग स्थानों पर हमारे सशस्त्र बलों ने प्रदर्शनियां लगाईं ताकि देश के नागरिक खासकर युवा-पीढ़ी यह जान सके कि हमारी ताकत क्या है, हम कितने सक्षम हैं और कैसे हमारे सैनिक अपनी जान जोखिम में डालकर देशवासियों की रक्षा करते हैं.

पीएम ने कहा ‘जब गांधी जी ने कहा था सफाई करोगे तो स्वतंत्रता मिलेगी, शायद उनको मालूम नहीं होगा ये कैसे होगा, पर ये हुआ. इसी तरह आज हमको लग सकता है कि मेरे इस छोटे से कार्य से मेरे देश की आर्थिक उन्नति में मेरा बहुत बड़ा योगदान हो सकता है. पूज्य बापू को आज के युग की यही कार्यांजलि है. प्रधानमंत्री ने अपनी मन की बात का समापन देशवासियों को नवरात्रि, दुर्गापूजा और दशहरा की शुभकामनाएं देते हुए किया.

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