आगे बढ़ते हुए भारत दूसरे युग में छलांग लगाने के लिए तैयार है ; प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘न्यू इंडिया की संकल्प से सिद्धि की यात्रा’ पर आगे बढ़ते हुए भारत दूसरे युग में छलांग लगाने के लिए तैयार है और सरकार करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तत्पर हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि केन्द्र सरकार शत-प्रतिशत लोगों को करीब-करीब सभी मूलभूत सुविधाएं देने के करीब पहुंच गई है. दैनिक जागरण के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा‘‘बीते चार वर्षों में आप इस परिवर्तन को होते हुए देख भी रहें हैं. आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं, लेकिन ये सब पहले क्यों नहीं हुआ?’’

उन्होंने सवाल किया कि आप भी अकसर सोचते होंगे कि आखिर हमारा देश पिछड़ा क्यों रह गया? आजादी के इतने दशकों के बाद यह कसक आपके मन में भी होगी कि हम क्यों पीछे रह गए? प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे पास विशाल उपजाऊ भूमि है. हमारे नौजवान बहुत प्रतिभाशाली और मेहनती हैं. हमारे पास प्राकृतिक संसाधनों की भी कोई कमी नहीं. इतना सब कुछ होने के बावजूद हमारा देश आगे क्यों नहीं बढ़ पाया?’’

उन्होंने कहा कि मंजिलों की कमी नहीं थी, नीयत की कमी थी. पैसों की कमी नहीं थी, इच्छाशक्ति की कमी थी. समस्याओं की कमी नहीं थी, संवेदना की कमी थी. सामर्थ्य की कमी नहीं थी, कमी थी कार्यसंस्कृति की. कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि अतीत में बड़े-बड़े लोग सत्ता में आए, बड़े-बड़े सरनेम :उपनाम: वाले लोग सत्ता में आए और चले गए लेकिन हम पिछड़े रह गए.

उन्होंने कहा कि यह सब पहले इसलिए नहीं हुआ क्योंकि गरीबी कम हो जाएगी, तो ‘गरीबी हटाओ’ का नारा कैसे दे पाएंगे. जब देश के गरीब, शोषित और वंचितों को सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो जायेंगी. उन्हें शौचालय, बिजली, बैंक खाते, गैस कनेक्शन जैसी चीजों की चिंताओं से मुक्ति मिल जाएगी, तो फिर देश के गरीब खुद ही अपनी गरीबी को परास्त कर देंगे. प्रधानमंत्री ने सवाल किया, सोचें आखिर क्यों, आजादी के बाद से 67 वर्षों तक केवल 70 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक ही बिजली पहुंच सकी, और अब बीते चार वर्षों में 95 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक बिजली कैसे पहुंच गई? सोचें आखिर कैसे 67 साल में सिर्फ 55 प्रतिशत घरों में गैस कनेक्शन था लेकिन  पिछले चार सालों में यह दायरा बढ़कर 90 प्रतिशत परिवारों तक पहुंच गया है.

उन्होंने कहा कि पहले 67 सालों में सिर्फ 50 प्रतिशत परिवारों के पास बैंक खाते थे, लेकिन अब देश का लगभग प्रत्येक परिवार बैंकिंग सेवा से जुड़ गया है. चार साल पहले

 

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