नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोशल मीडिया (Social Media) के दुरुपयोग पर चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा कि देश में सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है जो बहुत खतरनाक है. सरकार को जल्द से जल्द इस मुद्दे से निपटने के लिए कदम उठाना चाहिए. सरकार को इस मुद्दे पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करना चाहिए.
जस्टिस गुप्ता ने कहा कि सरकार पावरफुल है. उसके पास ये सब रोकने के असीमित अधिकार हैं. लेकिन किसी के निजी अधिकारों का क्या? उनकी भी रक्षा की जानी चाहिए. सरकार को सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए गाइडलाइन बनानी चाहिए. लोगों की निजता को बचाये रखने के लिए सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी डालने वालों को ट्रेस करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोई हमें नाहक ही परेशान करते हुए हमें सोशल मीडिया पर ट्रोल क्यों करे और हम उसे अपने चरित्र पर झूठे तथ्यों के जरिये कीचड़ क्यों उछालने दें? सरकार इस मसले पर खुद ध्यान दे सकती है. परंतु निजी लोगों का क्या? उनके लिए क्या उपाय हो सकते हैं, इनसे बचने के लिए? लिहाजा सरकार 3 सप्ताह में हलफनामा दायर कर कोर्ट के समक्ष एक टाइम लाइन पेश करे कि वह मामले में कब तक गाइडलाइन तैयार कर सकती है?