चंद्रबाबू नायडू के एनडीए से अलग होकर बीजेपी पर हमला करने के बाद अब बीजेपी भी पलटवार की तैयारी में है. नायडू को घेरने की तैयारी में लगी बीजेपी ने डोर टू डोर कैंपेन चलाने का फैसला किया है. बीजेपी ने डोर टू डोर कैंपेन का नाम दिया है ‘घर-घर बीजेपी’. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई आंध्र प्रदेश बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक में फैसला किया गया है कि बीजेपी को आंध्र प्रदेश में वैकल्पिक ताकत के तौर पर उभारना है. इसके लिए पार्टी की तरफ से व्यापक अभियान चलाया जाएगा.
बीजेपी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा ने फ़र्स्टपोस्ट के साथ बातचीत में बताया कि ‘राज्य में बीजेपी के कार्यक्रम के दौरान कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे. ये नेता संपर्क फॉर समर्थन अभियान में भी शामिल होंगे.’
दरअसल, आंध्र में चंद्रबाबू नायडू के बगावती तेवर और फिर एनडीए से अलग होने के बाद टीडीपी की तरफ से मोदी सरकार पर लगातार हमला बोला जा रहा है. केंद्र सरकार पर आंध्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाया जा रहा है. विशेष राज्य के मुद्दे पर एनडीए छोड़ने वाले नायडू की कोशिश बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाकर प्रदेश के लोगों की सहानुभूति हासिल करने की है.
लेकिन, बीजेपी ने नायडू की इस रणनीति की काट की तैयारी शुरू कर दी है. अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र में विधानसभा चुनाव भी होना है. ऐसे में बीजेपी के लिए राज्य में दोहरी चुनौती है. चंद्रबाबू नायडू के अलग होने के बाद बीजेपी अब राज्य के लोगों को दिखाने की पूरी कोशिश कर रही है कि केंद्र की तरफ से राज्य को बहुत कुछ दिया गया लेकिन, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की नीतियों और उनके अड़ियल रवैए की वजह से राज्य के विकास में बाधा पैदा हुई है.
बीजेपी का मानना है कि टीडीपी का रवैया अवसरवादी रहा है. इसी अवसरवादिता के खिलाफ राज्य भर में बीजेपी की तरफ से कैंपेन चलाने का फैसला किया गया है. बीजेपी ने चंद्रबाबू नायडू की सरकार के खिलाफ माहौल बनाकर उसे भुनाने की कोशिश तेज कर दी है. पार्टी को लगता है कि पांच साल की नायडू सरकार की नाकामियों को मुद्दा बनाकर टीडीपी को घेरा जा सकता है.