नोटबंदी के बाद प्राइवेट बैंकों की चांदी, बढ़ा कैश लेनदेन

0
1124
NBT-image (4)

नई दिल्ली
सरकार द्वारा कालेधन पर शिकंजा कसने के दावे के साथ लागू की गई नोटबंदी से प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर की चांदी हो गई है। प्राइवेट बैंकों में जमा होने वाले धन में भारी बढ़ोतरी हुई है। इससे कर्ज देने के लिए बैंकों ने ज्यादा मानव संसाधन की व्यवस्था भी की है।

सर्वे के मुताबिक HDFC को बड़े क्लाइंट्स प्राथमिकता देते हैं। प्राइवेट बैंकिंग के ग्रुप हेड राकेश सिंह ने बताया कि बैंक 150 रिलेशनशिप मैनेजर्स को जोड़ने की योजना बना रहा है। अभी बैंक के पास 250 रिलेशनशिप मैनेजर हैं। बैंकिंग यूनिट में सन 2000 की शुरुआत से ही भर्ती प्रक्रिया बढ़ी है। पिछले साल इसमें तेजी से उछाल आया जब ज्यादा आय वाले लोगों ने सोने और प्रॉपर्टी से इतर कैश में निवेश करना शुरू किया। प्रॉपर्टी और सोना खरीदने के लिए कैश इसलिए दिया जाता था ताकि टैक्स न चुकाना पड़े लेकिन नोटबंदी के दौरान इसपर शिकंजा कसा गया।

जानकारों का कहना है कि अगले तीन साल में HDFC बैंक की संपत्ति दोगुनी होकर 16 अरब हो जाएगी। रीयल एस्टेट और सोने में खर्च होने वाला कैश अब इक्विटी में जा रहा है। सिंह की यूनिट एचडीएफसी बैंक के सबसे अमीर 16000 क्लाइंट्स के असेट को मैनेज करती है। यूरोमनी के 2018 के सर्वे में एचडीएफसी को प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा कर्जदाता बैंक बताया गया था। पिछले एक साल में इसके शेयर 28 फीसदी बढ़ गए हैं। सिंह का कहना है कि बैंक के शेयर और बढ़ेंगे क्योंकि देश में अमीरों की तादाद बढ़ रही है और पहले से जो खाताधारक हैं वे भी ज्यादा लेन-देन कर रहे हैं।

IIFL होल्डिंग्स लिमिटेडः इसके पास लगभग 300 रिलेशनशिप मैनेजर हैं और यह कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड का वेल्थ मैनेजमेंट करता है। एचडीएफसी इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स से ज्यादा वेल्थ मैनेजर्स के रेवेन्यू से मिलने वाले कमिशन पर विश्वास करता है। देश में संशोधित दीवालिया प्रक्रिया जोरों पर है लेकिन कुछ कानूनी चुनौतियों और जजों की कमी की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here