अमित शाह ने पी कुल्हड़ की चाय, तो दूसरे केंद्रीय मंत्रियों ने स्टील की बोतल से पीया पानी

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स्वदेश विचार-नई दिल्ली(०३/१०): केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को दिल्ली से कटरा के बीच दूसरी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) को हरी झंडी दिखा कर इसका शुभारंभ किया. इस मौके पर शाह समेत दूसरे केंद्रीय मंत्रियों ने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने का संदेश दिया.

देश की दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के शुभारंभ अवसर पर रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम में मंचासीन अतिथि शाह ने कुल्हड़ की चाय का लुत्फ उठाया. इस दौरान मंच पर पानी के लिए प्लास्टिक की जगह स्टील की बोतलें रखी गईं. गृहमंत्री के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय मंत्री जितेंद्र सिंह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और रेल राज्यमंत्री सुरेश सी अंगड़ी ने कुल्हड़ में गर्मागर्म चाय पी.

इसको लेकर गृहमंत्री शाह ने अपने ट्वीट में लिखा, ”भारतीय रेल ने मोदी जी के सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने के आवाहन की दिशा में 400 स्टेशनों पर मिट्टी के कुल्हड़ों का उपयोग शुरू कर दिया है. इससे न सिर्फ पर्यावरण को लाभ होगा बल्कि भारतीय हस्तशिल्प और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा. आज मैंने भी कुल्हड़ की चाय का आनंद लिया.”

पर्यावरण को बचाने के लिए 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) से सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लग गई है. अब सिंगल यूज प्लास्टिक से तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट जैसे सामान में मिलने वाली पतली पन्नी, सड़क पर ठेली पर मिलने वाले प्लास्टिक वाले चाय के कप, पानी की बोतल, कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल और कोल्ड ड्रिंक की स्ट्रा इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.. अब यदि आप सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) का इस्तेमाल करते पाए जाएंगे तो आपको जुर्माना देना होगा. सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को नुकसान तो होता है ही साथ ही ये प्लास्टिक रिसाइकल भी नहीं होती.

सिंगल-यूज प्लास्टिक से फ्री करने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक भारत को सिंगल-यूज प्लास्टिक से फ्री करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने लाल किले से अपने भाषण में देशवासियों से सिंगल-यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने की अपील की थी. इस को पूर्ण रूप से प्रतिबंध करने के लिए पीएम मोदी ने गांधी जयंती का दिन चुना था. अब जब देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग गया है.

क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक
आज दुनियाभर में पर्यावरण की हालत बहुत खराब हो गई है. प्लास्टिक और पॉलीथीन ने वातावरण को सबसे ज्यादा प्रदूषित कर रखा है. आज जो प्लास्टिक लोगों के जीवन के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह बन गया है. सालों पहले इसका अविष्कार लोगों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए किया गया था. प्लास्टिक के जनक लियो बैकलैंड हैं, जिन्होंने 43 साल की उम्र में फिनॉल और फार्मल डीहाइड नामक रसायनों पर प्रयोग के दौरान एक नए पदार्थ की खोज की. उन्होंने अपने प्रयोग के दौरान पहला कम लागत वाला कृत्रिम रेसिन बनाया जो दुनिभार में अपनी जगह बनाने वाला प्लास्टिक बना. देश में प्लास्टिक 60 के दशक में चलन में आया. प्लास्टिक आने के बाद से ही इसके अच्छे या बुरे परिणाम को लेकर बहस शुरू हो गई थी.

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