दिल्‍ली में धूल-मिट्टी के गुबार में दिल-फेफड़े रखने हैं सलामत

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दिल्‍ली-NCR को धूल-धुंध के गुबार ने जकड़ लिया है. आबो-हवा जहरीली हो गई है. लोगों ने बचाव के लिए मास्‍क पहनने शुरू कर दिए हैं. मौसम विभाग ने धूल भरी आंधी चलने के दौरान लोगों से घर में रहने की सलाह दी है क्‍योंकि ऐसा मौसम कुछ दिन बना रहेगा. इससे गर्मी भी बढ़ेगी क्‍योंकि धूल के गुबार में धूप की तपिश और बढ़ जाती है. गर्मी वातावरण से बाहर नहीं निकल पाती. इससे लोगों को श्‍वांस लेने में दिक्‍कत, आंखों में जलन और गले में खर्राश पैदा हो सकती है. हवा में धूल के कण 18 गुना ज्‍यादा हो चुके हैं. चिकित्‍सकों की मानें तो ऐसा मौसम अस्‍थमा, श्‍वांस संबंधी रोगों के लिए जानलेवा है.                                                                                                    गर्मी के सीजन में धूल और मिट्टी सेहत पर बुरा असर डालती है. इससे कई तरह की एलर्जी बढ़ने का खतरा रहता है. इससे बचने का अच्‍छा तरीका शरीर की प्रतिरोधक (Immune) क्षमता बढ़ाना है. यह प्रतिरोधक क्षमता हमें बैक्‍टीरिया, वायरस से बचाती है. जब कोई नुकसानदेह तत्व हमारे शरीर के संपर्क में आता है तो इम्यूनिटी उस तत्व, जीवाणु से लड़ती है. उसे शरीर को नुकसान पहुंचाने से रोकती है. इस कारण ही हम स्‍वस्‍थ रहते हैं. यदि इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर हो जाता है तो कई प्रकार के रोग होने का खतरा बना रहता है. जब शरीर की प्रतिरोधक क्षमता किसी विजातीय तत्व के संपर्क में आने में असामान्य रूप से प्रतिक्रिया करती है तो वह ‘एलर्जी’ कहलाती है. एलर्जी से एलर्जिक राइनाइटिस(नाक बहना, जुकाम), दमा, पित्ती (अर्टिकेरिया), दाद, हे फीवर, एन्जिया, एडिमा आदि रोग होने का खतरा बना रहता है.                                                                                                                                         धूल से एलर्जी  से दमा, आंखों में लाली, पानी, नाक से पानी बहने, जलन, खुजली हो जाती है. एलर्जी का स्थायी उपचार नहीं है. जब तक व्‍यक्ति एलर्जी पैदा करने वाले एलर्जन के संपर्क में नहीं आता स्वस्थ रहता है. डस्ट एलर्जी के दौरान घर में झाड़-पोंछ न करें. सफाई के समय घर से बाहर रहें. घर में गीला पोंछा लगाएं. घर में सफाई होते समय नाक, मुंह पर बारीक कपड़ा बांधें या मास्क लगाएं. घर की सफाई फिल्टर वाले वैक्यूम क्लीनर से करें. घर में धूम्रपान न करें. धुएं रहित ईंधन का उपयोग करें. किचन में एग्जास्ट लगवाएं.

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