दिल्ली सारस्वत संघ ने मनाया ३६वां वार्षिक उत्सव

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स्वदेश विचार-नईदिल्ली(१०/०७) : दिनांक 06-07 जुलाई 2019 को सदगुरु परमहंस श्रीमत स्वामी निगमानन्द सरस्वती देवजी के द्वारा स्थापित नीलाचल सारस्वत संघ, पुरी का दिल्ली स्थित शाखा दिल्ली सारस्वत संघ ने अपना 36वां वार्षिक उत्सव मनाया। इस उत्सव में नीलाचल सारस्वत संघ के सभापति श्री संग्राम केशरी सिंह और परिचालना मंडली सदस्य श्री संतोष कुमार महान्ति ने भाग लेकर श्रीश्रीठाकुर निगमानन्द सरस्वती देवजी के उपदेश पर चर्चा किए। आदर्श गृहस्थ जीवन, संघशक्ति की प्रतिष्ठा और भाव विनिमय के माध्यम से कैसे श्रीश्रीठाकुर महाराज के लक्ष्य – सनातन धर्म का प्रचार, सतशिक्षा का विस्तार और शिव के ज्ञान से जीव की सेवा संपन्न हो पायेगा, उस पर चर्चा हुई। भाव और भक्ति के माध्यम से कैसे आज के जटिल और व्यस्त जीवन को सरस और सुन्दर किया जा सकता है, इस पर श्री संतोष कुमार महान्ति ने प्रकाश डाला। भाषा, संस्कृति और परंपरा को अक्षुण्ण रखकर कैसे निर्मल आनन्द का आस्वादन किया जा सकता है, आनन्द सभा के माध्यम से किशोर और युवक भक्तों ने यह प्रदर्शित किया।

कार्यसुची के अनुसार दिनांक 06 जुलाई 2019 को सभी भक्तों ने ब्राह्ममुहुर्त्त में शयात्याग कर श्रीश्रीठाकुरजी की षोडशोपचार पूजा, वैदिक प्रार्थना, विश्वशांति के लिए नामयज्ञ के अनुष्ठान मे भाग लिया। पूर्वाह्न में अंतरंग आलोचना सभा, अपराह्न में महिला सभा और संध्या में आनन्द सभा का आयोजन हुआ। दिनांक 07 जुलाई 2019 को प्रार्थना सभा और साधारण सभा का आयोजन हुआ था। इस उत्सव मे दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, प्रयागराज, लुधियाना, पुने, मुंबई, सूरत, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और ओड़िशा के भक्तों ने भाग लेकर स्वयं को कृतार्थ किया।

दक्षिण दिल्ली के सांसद श्री रमेश बिधुड़ि ने इस उत्सव के साधारण सभा मे उपस्थित होकर अपने वक्तव्य मे कहा कि वे सदगुरु निगमानन्दजी का आशीर्वाद प्राप्त कर धन्य हुए हैं। सदगुरु निगमानन्दजी की वाणी का अनुसरण कर विश्व मे शांति और सौहार्द्य संभव है। उन्होने दिल्ली सारस्वत संघ के सभी धार्मिक तथा सामाजिक कार्यक्रमों की प्रशंसा की।

इस अवसर पर नया कार्यालय, स्वागत कक्ष, पुस्तकालय, वाचनालय और आॉर्गेनिक वेस्ट मैनेजमेंट मशीन का शुभ उद्घाटन किया गया। संघ के सभापति श्री दुर्योधन प्रधान और संपादक श्री संग्राम धर ने सभी कार्य का संचालन किया। संपादक ने अंत मे सभी को धन्यबाद देने के साथ त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना की। इस उत्सव मे 800 से अधिक भक्त और अतिथियों ने भाग लिया।

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