एक तरफ रमजान के चलते सुरक्षाबलों ने जम्मू कश्मीर में संघर्षविराम घोषित कर रखा है तो दूसरी ओर आतंकी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। पिछले दो दिन में सेना पर दो आतंकी हमले हो चुके हैं, वो भी तब जब देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे पर राज्य में मौजूद हैं। इन हमलों ने सुरक्षाबलों के साथ-साथ राज्य सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है। शुक्रवार सुबह कुपवाड़ा जिले के हरिल एरिया में आतंकियों ने आर्मी पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला कर किया। हालांकि, हमले में अभी तक किसी प्रकार की जान या माल के नुकसान की ख़बर नहीं है।
गौरतलब है कि गुरुवार को ही केरन सेक्टर में भी एलओसी के नजदीतक आर्मी पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला हुआ है। इस हमले में सेना के दो जवान घायल हैं। केरन सेक्टर में कछाल अग्रिम चौकी के आगे जवानों का एक दल गश्त पर था कि अचानक उस पर वहां छिपे आतंकियों ने हमला कर दिया। वहीं, गृहमंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे पर हैं। राजनाथ सिंह यहां एलओसी औऱ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे हैं
केंद्र द्वारा शांति बहाली के लिए रमजान माह के दौरान एकतरफा संघर्षविराम किए जाने के बावजूद कश्मीर के भीतरी इलाकों में आतंकी हिंसा में लगभग 30 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान दक्षिण कश्मीर में कम से कम 10 लड़कों ने आतंकी संगठनों का दामन भी थामा है। इनमें एक आइपीएस अधिकारी का भाई भी शामिल है।
राज्य पुलिस एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि इस साल 31 मई तक आतंकी हिंसा से संबंधित 88 वारदातें हुई हैं। इनमें से 34 वारदातें रमजान संघर्षविराम के बीते 20 दिनों में हुई हैं। इनमें राष्ट्रविरोधी प्रदर्शन और पथराव की वारदातें भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा रमजान संघर्षविराम का एलान किए जाने के बाद आतंकियों ने 15 ग्रेनेड हमले व तीन आइईडी धमाके अंजाम देने के अलावा सुरक्षाबलों पर फायरिंग की छह और हथियार लूट की छह वारदातों को अंजाम दिया है। इस दौरान पांच लोग भी मारे गए हैं। अधिकांश ग्रेनेड हमले दक्षिण कश्मीर में हुए हैं।