जज नियुक्ति विवाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट कलीजियम ने भेजी 15 जजों के नाम की सिफारिश

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प्रदीप ठाकुर, नई दिल्ली
इलाहाबाद हाई कोर्ट की कलीजियम ने हाई कोर्ट में नियुक्ति के लिए 15 जजों और न्यायिक अधिकारियों के नाम की सिफारिश की है। इस सिफारिश में 7 विभिन्न जिला और सत्र न्यायालय के जज हैं और 5 ऐसे जज हैं जो इस वक्त हाई कोर्ट में ही पोस्टेड हैं। बता दें कि इसी साल फरवरी में 33 वकीलों के नाम की सिफारिश हाई कोर्ट कलीजियम ने सुप्रीम कोर्ट से की थी।

फरवरी में किए गए इन 33 नामों की सिफारिश पर अब तक फैसला नहीं लिया जा सका है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें सरकार के पास भेज दिया है। सरकार की तरफ से फिलहाल सिफारिश के लिए आए इन नामों की जांच कराई जा रही है। इंटेलिजेंस ब्यूरो इन नामों की जांच कर रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट कलीजियम की ओर से भेजी गई सिफारिशों की संख्या अब 45 हो गई है। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस वक्त जजों की संख्या सबसे कम है और अगर सभी सिफारिशों को मान लिया गया तो यह संख्या कुल वैकंसी की 90 फीसदी तक हो सकती है।

सूत्रों का कहना है कि जिन 7 जिला जजों की हाई कोर्ट में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है उनमें लखनऊ, बरेली, मथुरा, नोएडा, फैजाबाद और मुरादाबाद के जज शामिल हैं। दो जूडिशल अधिकारी भी इस लिस्ट में हैं, जिसमें एक की नियुक्ति रजिस्ट्रार जनरल और एक अन्य स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी से जुड़े हैं। पूर्व में हाई कोर्ट की तरफ से जिन 33 नामों की सिफारिश की गई थी, उन्हें लेकर कुछ शिकायत कानून मंत्रालय और पीएमओ तक पहुंची है। इसी को ध्यान में रखकर इंटेलिजेंस ब्यूरो को जांच की जिम्मेदारी दी गई है।

413 जजों की कमी है

जिन 33 वकीलों के नाम की सिफारिश की गई उनमें से 11 ऐसे नाम हैं जिनके रिश्तेदार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज या रिटायर्ड जज रह चुके हैं। इनमें एक नाम सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायधीश के करीबी रिश्तेदार हैं। एक सुप्रीम कोर्ट जज के फर्स्ट कजिन हैं और इसके अलावा कुछ पूर्व जजों के सगे भतीजे और बेटे हैं।

 

इस साल फरवरी में भी 33 नामों की सिफारिश की गई थी

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2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 वकीलों की जज के तौर पर नियुक्ति के लिए सिफारिश की थी। तत्कालीन सीजेआई टी एस ठाकुर को विभिन्न बार काउंसिल ने शिकायत की, जिसके बाद उनमें से 11 नामों को तत्कालीन सीजेआई ने रिजेक्ट कर दिया था। केंद्र ने इन्हीं विवादों को ध्यान में रखकर जिन नामों की सिफारिश की गई उनके बैकग्राउंड चेक की जिम्मेदारी आईबी को सौंपी है।

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